ओ अजनबी – O Ajnabi (K.S.Chihtra, K.K., Main Prem Ki Diwani Hoon)  

ओ अजनबी – O Ajnabi (K.S.Chihtra, K.K., Main Prem Ki Diwani Hoon)
 
Movie/Album: मैं प्रेम की दीवानी हूँ (2003)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: देव कोहली
 By: के.एस.चित्रा, के.के.

के.एस.चित्रा, के.के.
ओ अजनबी मेरे अजनबी
ना जाने आये तुम कहाँ से
इतना प्यार लाये तुम कहाँ से
ये रात भी है सजी-सजी
ओ अजनबी…

दिल वाले देखो फिर मिले हैं
जाने कहाँ हम चले हैं
नज़रों से नज़रें मिली हैं
होंठों से होंठ सिले हैं
एक आग सी है दबी-दबी
ओ अजनबी…

प्यार का मौसम आता है, आता है एक बार
दिल दिया जाता है, एक बार, एक बार
जवाँ-जवाँ दिल की धड़कन में कोई समाता है
कोई समाता है, एक बार, एक बार
ओ मुझे क्या हुआ, मैं उड़ने लगी
ओ अजनबी…

अजनबी तेरा दिल चुराने आया है
अजनबी नींदें उड़ाने आया है
लूटने वाला चैन कहाँ पायेगा
लूटने वाला खुद लुट के जायेगा
हाँ जाएगा कहाँ, जियेगा यहाँ, मरेगा यहाँ
ये अजनबी तेरा अजनबी…

के.एस.चित्रा
ओ अजनबी, मेरे अजनबी
ओ अजनबी, मेरे अजनबी…

ना जाने तुम कहाँ चले गए हो
याद मुझे तुम कितना आ रहे हो
सूनी-सी है दिल की गली
ओ अजनबी…

तेरे प्यार की निशानियाँ, बन गई कहानियाँ
फिर से मोहब्बत, फिर कैसे मैं प्यार करूँ
फिर से वफ़ा का कैसे मैं इकरार करूँ
तेरे प्यार में, मैं तो ढली
ओ अजनबी…

किससे कहूँ परेशानियाँ
दिल पे कर जा मेहरबानियाँ
पल जो बीते तो लम्बी जुदाई हुई
इक-इक पल में तो मैं परायी हुई
आ कर मुझे ले जा अभी
ओ अजनबी…

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