हम यार हैं तुम्हारे – Hum Yaar Hain Tumhare (Udit Narayan, Alka Yagnik, Kumar Sanu, Haan Maine Bhi Pyaar Kiya)
हम यार हैं तुम्हारे – Hum Yaar Hain Tumhare (Udit Narayan, Alka Yagnik, Kumar Sanu, Haan Maine Bhi Pyaar Kiya)

हम यार हैं तुम्हारे – Hum Yaar Hain Tumhare (Udit Narayan, Alka Yagnik, Kumar Sanu, Haan Maine Bhi Pyaar Kiya)

हम यार हैं तुम्हारे – Hum Yaar Hain Tumhare (Udit Narayan, Alka Yagnik, Kumar Sanu, Haan Maine Bhi Pyaar Kiya)
 
Movie/Album: हाँ मैंने भी प्यार किया (2002)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
 By: उदित नारायण, अल्का याग्निक, कुमार सानू

उदित नारायण, अल्का याग्निक

हम यार हैं तुम्हारे, दिलदार हैं तुम्हारे
हमसे मिला करो, हमसे मिला करो
कोई शिकवा अगर हो और शिकायत अगर हो
हमसे गिला करो, हमसे गिला करो
जाँ मैंने भी प्यार किया है
हाँ मैंने भी प्यार किया है
हम यार हैं तुम्हारे…

ज़ुल्फों को गिरा के, पलकों को झुकाना
सीखा है कहाँ से, ये जादू चलाना
आता है तुम्हें तो, यूँ बातें बनाना
जाओ जी हटो भी, छोड़ो यूँ सताना
छा रही है ख़ुमारी, बढ़ रही बेक़रारी
यूँ ना हँसा करो, यूँ ना हँसा करो
कोई शिकवा अगर हो…

दीवानों के जैसे करते हो शरारत
हमको तो पता है, तेरे दिल की हकीकत
समझो ना ज़रा तुम, मौसम का इशारा
ऐसे तो अकेले, ना होगा गुज़ारा
ऐसे आहें भरो ना, मस्तियाँ करो ना
ज़िद ना किया करो, कि ज़िद ना किया करो
कोई शिकवा अगर हो…

कुमार सानू, अल्का याग्निक

हम प्यार हैं तुम्हारे, दिलदार हैं तुम्हारे
हमसे मिला करो, हमसे मिला करो
कोई शिकवा अगर हो और शिकायत अगर हो
हमसे गिला करो, पर तुम मिला करो
जाँ मैंने भी प्यार किया है
हाँ मैंने भी प्यार किया है
हम प्यार हैं तुम्हारे…

there’s a friend for little children
about the bright new skies
a friend who never changes
whose love shall never die
unlike our friends by nature
who change with changing years
this friend is always with us
his name is God alone

कैसे मैं भुला दूँ, वो बीते हुए पल
हर लम्हा सताये, वो गुज़रा हुआ कल
कैसे मैं बताऊँ, ये मुश्किल राज़ है
कल आये ना कभी, जो है वो आज है
मेरी जान पास आ के, बोल दो मुस्कुरा के
चुप ना रहा करो, चुप ना रहा करो
कोई शिकवा अगर हो…

फूलों की वादियाँ, बर्फीले रास्ते
है जान-ए-तमन्ना, सब तेरे वास्ते
फूलों में है चुभन, सर्दी में अगन है
साँसों में रात-दिन, ये कैसी जलन है
सर्द ठंडी हवायें, कह रही हैं फ़िज़ायें
यूँ ना जला करो, यूँ ना जला करो
कोई शिकवा अगर हो…

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