जबसे देखा है तेरे – Jabse Dekha Hai Tere (Alka Yagnik, Babul Supriyo, Mujhe Kucch Kehna Hai)

जबसे देखा है तेरे – Jabse Dekha Hai Tere (Alka Yagnik, Babul Supriyo, Mujhe Kucch Kehna Hai)
 
Movie/Album: मुझे कुछ कहना है (2001)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
 By: अल्का याग्निक, बाबुल सुप्रियो

जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैंने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया, बेखबर हो गया
ऐसा था पहली मुलाकात का चाँद
जबसे देखा है…

नज़र में तू है, जिगर में तू है
दुआ में तू है, असर में तू है
मेरे सीने में धड़कता है तू
मेरी साँसों में महकता है तू
वक्त है शबनमी, बस तेरी है कमी
मेरी आहों में, बाहों में, रहता दीवाना मेरा
जबसे देखा है…

हमेशा मुझको तेरी याद आई
तुझे ही चाहे मेरी तन्हाई
तुझे मैं सोचूँ अकेलेपन में
तेरी धड़कन है, मेरी धड़कन में
रात भर जागती, ये दुआ माँगती
मेरे महबूब जल्दी से अब सामना हो तेरा
जबसे देखा है…

खुली खिड़की से हवा जो आये
तेरे आँचल की वो खुशबू लाये
चलाया जादू ये तूने कैसा
के हाल है मेरा दीवानों जैसा
आसमाँ झुक गया, पल वहीं रुक गया
कोई आहट हुई तो धड़कने लगा दिल मेरा
जबसे देखा है…

कभी बाहों में, कभी पहलू में
कभी राहों में, कभी गलियों में
कभी ग़ैरों में, कभी अपनों में
कभी यादों में, कभी सपनों में
ढूँढता हूँ तुझे, देखता हूँ तुझे
है मेरी ये तमन्ना कि जल्दी मिटे फ़ासला
जबसे देखा है…

 

 

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