आनंद ही आनंद बरस रहा बिहारी जी के द्वार पे
आनंद ही आनंद बरस रहा बिहारी जी के द्वार पे

आनंद ही आनंद बरस रहा बिहारी जी के द्वार पे

आनंद ही आनंद बरस रहा बिहारी जी के द्वार पे

आनंद ही आनंद बरस रहा,
बिहारी जी के द्वार पे,
भक्तों का मन भी हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे।।

पलकों से चौखट बुहारू,
पल पल तेरी नज़र उतारू,
जब भी मैं झांकी को देखूं,
तन मन सब तो पे वारु,
दर्शन को मैं भी तरस रहा,
बिहारी जी के द्वार पे,
भक्तों का मन भी हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे।।

खुशियां ही खुशियां छाई,
भक्तों सबको है बधाई,
अरे मंगल गाओ भक्तों,
देखो शुभ घड़ी है आई,
रे भक्तों का मनवा हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे,
भक्तों का मन भी हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे।।

आनंद कंद है बिहारी,
आनंद ही है बरसाते,
आनंद से भर जाते,
जो इनकी शरण में आते,
ज़र्रा ज़र्रा देखो हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे,
भक्तों का मन भी हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे।।

आनंद ही आनंद बरस रहा,
बिहारी जी के द्वार पे,
भक्तों का मन भी हरष रहा,
बिहारी जी के द्वार पे।।

Bhajan Singer – Rakesh Kala

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