आन मिलो श्याम सांवरे
आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो श्याम सांवरे बृज में अकेली राधा खोई-खोई फिरे। 1. वृन्दावन की गलियों में तुझ बिन जियरा न लागे, निसदिन तुमरी बाट निहारे व्याकुल नैना भागे, अब ऐसी दशा हुयी है तो का होइ है फिर आगे रे। 2. अजहूं जो न भेजे मोहन तैने कोई खबरिया, हो जई है इक बृज …