श्री भगवत भगवान की है आरती! (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti)

श्री भगवत भगवान की है आरती! (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti)

श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।

ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥

ये शान्ति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरि दरश दिखाने वाला।
यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥

ये मधुर बोल, जग फन्द खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
बिगड़ी को बनानेवाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥

श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।

 

 Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti)

 

Shri Bhagavat Bhagavan Ki Hai Aarti,
Papiyon Ko Paap Se Hai Tarti।

Ye Amar Granth Ye Mukti Panth,
Ye Pancham Ved Nirala,
Nav Jyoti Jalane wala।
Hari Naam Yahi Hari Dham Yahi,
Yahi Jag Mangal Ki Aarti
Papiyon Ko Paap Se Hai Tarti॥
॥ Shri Bhagavat Bhagavan Ki…॥

Ye Shanti Geet Pavan Puneet,
Papon Ko Mitane Wala,
Hari Darash Dikhane Wala।
Yah Sukh Karani, Yah Duhkh Harini,
Shri Madhusoodan Ki Aarti,
Papiyon Ko Paap Se Hai Tarti॥
॥ Shri Bhagavat Bhagavan Ki…॥

Ye Madhur Bol, Jag Phand Khol,
Sanmarg Dikhane Wala,
Bigadee Ko Banane Wala।
Shri Ram Yahi, Ghanashyam Yahi,
Yahi Prabhu Ki Mahima Ki Aarti
Papiyon Ko Paap Se Hai Tarti॥

Shri Bhagavat Bhagavan Ki Hai Aarti,
Papiyon Ko Paap Se Hai Tarti।

 

 

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