।। दोहा ।।
गुरु देवन के देव हो , आप बड़े जगदीश।
बेड़ी भवजल बिच में ,गुरु तारो विशवाविश।
आज गुरु आविया जी म्हारे ,
हिवड़े उठी रे हिलोर।
हिवड़े उठी रे हिलोर म्हारे ,
मनडे उठी रे हिलोर।
गुरु आवन की ऐसी लागी ,
जैसे चंद्र चकोर।
चरण कमल में सुरता लागी ,
ज्यू पतंग संग डोर।
आज गुरु आविया जी म्हारे ,
हिवड़े उठी रे हिलोर।
सबद सुण्या गुरुदेव का ,
डर गया पांचो चोर।
घोर अंधेरो दूर होयो है ,
रैण गई भई भोर।
आज गुरु आविया जी म्हारे ,
हिवड़े उठी रे हिलोर।
अब कछु धोखा ना रहा ,
नाच उठा मन मोर।
सूरत सुहागण निरखण लागी ,
अपने पिया की ओर।
आज गुरु आविया जी म्हारे ,
हिवड़े उठी रे हिलोर।
भीखदास गुरु पूरा मिलिया ,
कुकर्म दीना तोड़।
दास मलूक चरण में लोटे ,
सुख में जिव झकोर।
आज गुरु आविया जी म्हारे ,
हिवड़े उठी रे हिलोर।
shankar ji thawla ke bhajan
आज गुरु आविया रे मन में उठे हिलोर भजन, aaj guru aaviya re satguru ke bhajan in hindi lyrics
गुरु जी भजन लिरिक्स इन हिंदी
भजन :- आज गुरु आविया जी म्हारे
गायक :- शंकर जी थांवला
Pingback: गुरुदेव भजन लिरिक्स – Bhajan Collections