॥ दोहा ॥
गुरुगोविन्द दोउ खड़े , किनके लागूं पाय ।
बलिहारीगुरु आपने , गोविन्द दिया मिलाय ॥
आवणो पड़ेला सतगुरु ,
आवणो पड़ेला ।
आजरी सतसंग में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
पहला जुगां में ,
राजा प्रहलाद आया ।
पाँच करोड़ ,
तपसी तारणा पड़ेला ।।
आजरी जागन में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
आवणो पड़ेला। ……
दूजा जुगां में ,
राजा हरीचन्द आया ।
सात करोड़ ,
तपसी तारणा पड़ेला ॥
आजरी जागन में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
आवणो पड़ेला। ……
तीजारे जुगां में ,
राजा जेठल आया ।
नव रे करोड़ ,
तपसी तारणा पड़ेला ।
आजरी जागन में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
आवणो पड़ेला। ……
चौथा जुगां में ,
राजा बलिचन्द आया ।
बारह करोड़ ,
तपसी तारणा पड़ेला ।
आजरी जागन में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
आवणो पड़ेला। ……
चार जुगोंरा ,
मंगळ रूपां दे जीगावे ।
थाळी माँहि ,
बाग लगावणो पड़ेला ॥
आजरी जागन में थाने ,
आवणो पड़ेला ॥
आवणो पड़ेला। ……
आवणो पड़ेला सतगुरु आवणो पड़ेला. aavno padela satguru. आज री सत्संग में थाने आवणो पड़ेला. shyam paliwal ke bhajan. satguru bhajan