।। दोहा ।।
मात पिता परमात्मा , पति सेवा गुरु ज्ञान।
इनसे हिल मिल चालिये , वो नर चतुर सुजान।
भाई रे मत दीज्यो ,मावड़ली ने दोष।
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी। २।
ओ भाई रे एक माता रे पुत्र चार ,
चारा री करणी न्यारी न्यारी।
ओ भाई रे पहलो तो राजा रे दरबार ,
दूजोडो खीरा बालड़।
ओ भाई रे तीजो बजारा रो हाथ ,
चोथोड़ो फेरे भूणिया।
ओ भाई रे मत दीज्यो। ….
ओ भाई रे एक माटी रा बर्तन चार ,
चारा री करणी न्यारी न्यारी।
ओ भाई रे पहला में भरयोड़ी भिलोय ,
दूजोडो मसाणा चालियो।
ओ भाई रे तीजो पनिहारियाँ शीश ,
चोथोड़ो मृद भांड।
ओ भाई रे मत दीज्यो। ….
ओ भाई रे एक गव रे बछड़ा चार ,
चारा री करणी न्यारी न्यारी।
ओ भाई रे पहलो सूरज रो सांड ,
दूजोडो शिव रो नांदियो।
ओ भाई रे तीजो गाणी वालो बेल ,
चोथोड़ो बिणजारे लागियो।
ओ भाई रे मत दीज्यो। ….
ओ भाई रे एक बेल रे तुम्बा चार ,
चारा री करणी न्यारी न्यारी।
ओ भाई रे पहलो सतगुरु जी रे हाथ ,
दूजोडो जल जमुना भरियो।
ओ भाई रे तिजोड़ो तुम्ब्ड़ा री बिण ,
चोथोड़ो भिक्षा माँगियो।
ओ भाई रे कह गया दास कबीर ,
कर्मो रा भर मत दो।
ओ भाई रे मत दीज्यो। ….
भाई रे मत दीज्यो ,मावड़ली ने दोष।
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी। २।
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी भजन लिरिक्स karma ri rekha nyari nyari mat dijo mavadli ne dosh Bhajan Lyrics