गंगा से गंगाजल भरके,
काँधे शिव की कावड़ धरके,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।।
सावन महीने का पावन नजारा,
अद्भुत अनोखा है भोले का द्वारा,
सावन की जब जब है बरसे बदरिया,
सावन की जब जब है बरसे बदरिया,
झूमे नाचे और बोले कावड़िया,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।।
रस्ता कठिन है और मुश्किल डगर है,
भोले के भक्तो को ना कोई डर है,
राहों में जितने भी हो कांटे कंकर,
राहों में जितने भी हो कांटे कंकर,
हर एक कंकर में दीखते है शंकर,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।।
कावड़ तपस्या है भोले प्रभु की,
ग्रंथो ने महिमा बताई कावड़ की,
होंठो पे सुमिरन हो पेरो में छाले,
होंठो पे सुमिरन हो पेरो में छाले,
‘रोमी’ तपस्या हम फिर भी कर डाले,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।।
गंगा से गंगाजल भरके,
काँधे शिव की कावड़ धरके,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,
भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।।
गायक – संजय मित्तल जी।
तर्ज – नदियाँ चले चले रे धारा।
फिल्मी तर्ज भजन गंगा से गंगाजल भरके काँधे शिव की कावड़ धरके भजन लिरिक्स
गंगा से गंगाजल भरके काँधे शिव की कावड़ धरके भजन लिरिक्स
- कर्मो की है ये माया कर्मो के खेल सारे भजन लिरिक्स
- ले सतगुरु की शरण तिरण रो मोको आयो भजन लिरिक्स
- फस गयो मकड़ी का झाला में भजन लिरिक्स
- कोई बतावो जोगी आवतो ज्यां ने लाख बधाई भजन लिरिक्स
Pingback: स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा भजन लिरिक्स – Bhajan Collections
Pingback: बेगा बेगा आओ गणराज उड़िके टाबरिया भजन लिरिक्स – Bhajan Collections
Pingback: सगळी दुनिया छोड़ बापजी आया थारे द्वार रामदेवजी भजन – Bhajan Collections
Pingback: खम्मा खम्मा रे म्हारा रुणीचे रा धणिया भजन लिरिक्स – Bhajan Collections