गुरांसा बिना , कौण प्रेमजळ पावे ।
कूपां रा नीर किण विध सूखे , सीर सायरियां सूं आवे ॥
कर्मा री जाजां दो प्रकारां , शुभ अशुभ कहावे ।
अशुभ करमने मार हटावे , रामनाम चित्त लावे ॥
गुरांसा बिना। …….
सतगुरु म्हारा चनण सरूपी , फूल वास ना लेवे ।
लिपट्योड़ा भुजंग मगन होई जावे , कदेई छोड़ नहीं जावे ।।
गुरांसा बिना। …….
सतगुरु म्हारा भंवर सरूपी , कीट पकड़ घर लावे ।
दे घरणाटो शब्द सुणावे , कर भंवरा ने उड़ावे ॥
गुरांसा बिना। …….
दूध में घिरत मेहन्दी में लाली , ज्ञान गुरासाऊँ आवे ।
कहत कबीर सुणो भाई साधो , भाग पुरबला पावे ।।
गुरांसा बिना। …….
satguru ke bhajan. prakash mali bhajan video
भजन :- गुरु बिना कौन प्रेम जल पावे
गायक :- प्रकाश माली