तानागिर माई कुचामणी भजन लिरिक्स

ऐ प्रगटिया बनवारी ,
ओ मुल्क मेवाड़ में ।
तानागिर माई ,
प्रगटिया बनवारी।२

ऐजी तानानगर ,
एक बाजु मायने।
ऐ मंगरो एक महान ,
प्रभु मंगरो एक महान। २

ऐजी जूनो जुगाजी ,
धुनिया तापे।
कई एक संत सुजान ,
मणि में कई एक संत सुजान। २

ऐजी कई एक संत सुजानबनी के मायने ,
पण नाग रूप धर घर सधिना ,
ओ आयके तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।
ओ जी रे। ……. ओ मुल्क मेवाड़ में।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी

ऐजी देख रूप ,
एक विकराल नाग को।
ऐ ग्वालिया मतों बनाया ,
बीरा ग्वालिया मतों बनाया।

ऐजी भील मायने ,
पांच हज पिया।
कैसो खेल रचायो ,
बीरा खेल रचायो।

ऐजी कैसो खेल रचायो ,भक्ता के कारने।
पल भील मायनु गिरधर निकल्या ऐ बारने।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।
ओ जी रे। ……. ओ मुल्क मेवाड़ में।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।

ऐजी सीमाड़ा की,
एक लाण पड़ी।
जद पंचा के मजधार ,
बीरा पंचा के मजधार।

ऐजी राड मेटबा ,
चालो बीचमे।
आन खड़ी सरकार ,
बीरा आन खड़ी सरकार।

ऐजी आन खड़ी सरकार, मूरत कभी जय करी।
पण राज कचेरिया कर पाछण में , लाग री।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।
ओ जी रे। ……. ओ मुल्क मेवाड़ में।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी

ऐजी धन धन भाग ,
जाग्या धरती का।
श्री मूंगाणा के माई ,
बीरा मूंगाणा के माई।

ऐजी थाली मांदल ,
ढोल नगाड़ा।
सेहनाया घरनाय ,
ऐ घोखड़ा सेहनाया घरनाय।

ऐजी सेहनाया घरनाय घोखड़ा मायने।
श्री सांवरिया बिराज्या सिखर मंद , मायने।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।
ओ जी रे। ……. ओ मुल्क मेवाड़ में।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।

ऐजी महन्त श्री चेतन जी स्वामी ,
एक संत बड़ा उपकारी ,
जग संत बड़ा उपकारी।

ऐजी जीत मन से जो ध्यावे ,
जाकी लाज राखे बनवारी ,
देखो लाज राखे बनवारी।

ऐजी लाज राखे बनवारी ,मेटे संताप हे
पण हाथ जोड़ ओमकार अरज करे आपने
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।
ओ जी रे। ……. ओ मुल्क मेवाड़ में।
तानागिर माई ,प्रगटिया बनवारी।

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