थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा ,
अब कद फेरेला थू माला।
सूजे नहीं अब पड़े भाड़ में ,करे मजाकों वाला।
अरे घर की लुगाई थारो केणो नी माने ,उठे जीव में उकाला।
थारा उड़ गया। …..
बूढ़ो हुवो ने अब लकड़ी ली दी ,थारा धूजण लागा डाला।
अरे मुखड़ा री सोभा दात पड़िया ,खाली रह गया आला।
थारा उड़ गया। …..
माया रो मोह छोड़ ने राखे ,देवे पेटियों रे ताला।
अरे गाड़ी घोडा काम नी आवे ,जाणो पड़ सी पाला।
थारा उड़ गया। …..
बेटा ने परणाय बुलायो ,अब घर बिंदनियो रा हाला।
कद मरेलो यो डोकरा डाकी ,फितर ही फेरे माला।
थारा उड़ गया। …..
थारा उड़ गया केश काला रे डोकरा ,
अब कद फेरेला थू माला।
थारा उड़ गया केश काला रे Bhajan Video
भजन :- थारा उड़ गया केश काला
गायक :- श्याम पालीवाल