नैया मेरी मझधार सांवरे,
तु आके लगा जा,
इसे पार सांवरे,
तु आके लगा जा,
इसे पार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
आँखों से असुवन की धारा,
बस बहती ही जावे,
ना ही किनारा सुझे कोई,
नाम तेरा ही भावे,
हारा हुं आजा,
एक बार सांवरे,
मैं हारा हुं आजा,
एक बार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
बीच भंवर हिचकोले खाये,
सुझे नहीं किनारा,
डुब गयी गर सांवरिया तो,
जग हसेगा सारा,
मैं रो रो रहा हुं,
पुकार सांवरे,
मैं रो रो रहा हुं,
पुकार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
गम के बादल मेरे सर पर,
मन्डराते ही जावे,
पार तुम्हीं को करनी है फिर,
तु क्यों देर लगावे,
बोल तेरा क्या है,
विचार सांवरे,
बोल तेरा क्या है,
विचार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
तेरी नैया तेरा किनारा,
तुहीं पार लगावे,
‘देवकीनन्दन’ क्या डरना,
बाबा रस्ता दिखलावे,
तु हीं तो हैं मेरी,
सरकार सांवरे,
तु हीं तो हैं मेरी,
सरकार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
नैया मेरी मझधार सांवरे,
तु आके लगा जा,
इसे पार सांवरे,
तु आके लगा जा,
इसे पार सांवरे,
नैया मेरी मझधार साँवरे।।
कृष्ण भजन नैया मेरी मझधार सांवरे भजन लिरिक्स
तर्ज – पलकों का घर।
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