।। दोहा ।।
आधी रेन निकल गई ,जगत गया सब सोय।
जाको चिंता पीव की , नींद कहा से होय।
फकीरी जीवत धुके रे मसाण ,
कर लेवो निज साय।
जीवत धुके रे मसाण ,
फकीरी जीवत धुके रे मसाण।
छ दर्शन छतीसो पाखंड ,
मचरही खेचा ताण।
उलट पड़े आ युद्ध के माहि ,
जद पडेली जाण।
फकीरी जीवत …..
शीश काट लड़े कोई सूरा ,
धड़ से जूझे आण।
आठो पहर सोहलवा गावे ,
जद पूछे परयाण।
फकीरी जीवत …..
अनंत कोट साधु जन तापे ,
नो नाधा कर जाण।
सूरा तप सहे इण जप को ,
कायर तज देवे प्राण।
फकीरी जीवत …..
अगम निगम दो वाणी जुग में ,
ऊबी करे बखाण।
राजा प्रजा दर्शन को आवे ,
धिन जोगी थारो भाव।
फकीरी जीवत …..
ब्रह्म मिलन का पट्टा लिखाया ,
दिन बिच उग्यो भान।
हरिराम बैरागी बोले ,
सतगरु मिलिया सुजान।
फकीरी जीवत …..
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फकीरी जीवत धुके रे मसाण fakiri jivat dhuke masan फकीरी भजन मारवाड़ी madan puri ka bhajan जोग फकीरी का भजन
फकीरी भजन मारवाड़ी lyrics in Hindi
भजन :- फकीरी जीवत धुके रे मसाण
गायक :- मदन पुरी