।। दोहा ।।
जनम मीरा थारो मड़ते , मरुधर जिण रो देश।
दूदा जी री लाड़ली , प्रभु कियो भगवा वेश।
भजना सू लागे ,
मीरा मीठी रे।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
उदयपुर राणा भजना सु – ,
लागे मीरा मिठी।
साकड़ी गली में ,
मारा सतगुरु मिलिया।
कीण विध ,
फिरू मे अबुटी रे।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
भजना सू ….
थारो तो रवैया मीरा ,
माने बताओ।
नहीं तो फकीरी ,
थारी झूठी रे।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
भजना सू ….
मारो तो रवैयों राणा ,
गट गट में बोले।
थारी तो ही एक ,
किया फूटी रे ।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
भजना सू ….
सासु ननद मारी ,
देवरानी जेठानी।
जल बल हो गयी ,
रे अमीठी रे ।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
भजना सू ….
बाई मीरा केव हरी ने ,
गिरधर नागर रे।
पार तो लगावो ,
ने परिती रे।
मेवाडी राणा भजना सू ,
लागे मीरा मीठी ।
भजना सू ….
अनिल नागौरी के भजन | anil nagori bhajan Video
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भजन :- भजना सू लागे मीरा मीठी रे
गायक :- अनिल नागोरी