।। दोहा ।।
थोड़ो पाछे नाळ तेरा नहीं अठे ठिकाणा।
जिस तन का लाड लड़ाये ,वो जायेगा मसाणा।।
कोई भाग बिना नहीं पावे जी ,
भली वस्तु का जोग।
दाखा पाके बाग़ में ,
जद काका कंठा रोग।
कोई भाग बिना। …..
मृत्यु लोग में घूम रहे थे ,
शिव जी गोरा साथै।
भील भीलण ने आता देख्या ,
कोई मोळी लेके माथे।
अरे लारे टाबरिया कुर लावे जी ,
नहीं रोटी का जोग।
कोई भाग बिना। …..
बदन पर कपडा नहीं ,
पैदल पगा उबाणा।
दुःख से काया दुर्बल वेगी ,
नहीं रेबा का ठिकाणा।
अरे गोरा शिव जी ने फरमावे जी ,
आच्या मिल्या संजोग।
कोई भाग बिना। …..
रास्ते में रख दी शिव जी ,
सो मोरा की थैली।
भीलण केवे आख्या मिचड़ो ,
चालो गेली गेली।
अरे मोरा एक तरफ रे जावे जी ,
नहीं मिलण का जोग।
कोई भाग बिना। …..
शिव जी केवे चालो गोरा ,
इनकी किस्मत फूटी।
में तो जदी चालू ला शिव जी ,
आने देवे मु मांगण री छूटि।
अरे मारी काया सफल वे जावे जी ,
आच्या मिलिया संजोग।
कोई भाग बिना। …..
भीलण केवे सुनो बावजी ,
में बन जाऊ राजा की राणी।
भील भीलण में झगड़ो वे ग्यो ,
वेगी खेचा तानी।
अरे भीलण राणी बन कर जावे जी ,
रोतो रिज्ये मारा लोग।
कोई भाग बिना। …..
भील केवे सुणो बावजी ,
मारी भी सुण लीज्यो।
या भीलण राणी बनगी,
इने गडकड़ी कर दीज्यो।
अरे या भस्ती रे जावे जी ,
होवे हड़क्या वालो रोग।
कोई भाग बिना। …..
भाग बिना नहीं पावे भली वस्तु का जोक bhag bina nahi pave Bhali Vastu Ka Jog bhil bhilni ki katha gopal das vaishnav bhajan