।। दोहा ।।
जैसी ह्रदय उपजे , में वैसी कहु सुनाय।
तुलसी नाम कमालियो प्रभु और कहा से लाय।
भोमिया जी रमता पधारो,
मारे आंगणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी ढोल ने,
नगाड़ा बाजे नोपता।
थारे जालर वालो पड़े झणकार,
आओ मारे आंगणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी जोता जगावा,
थारे देवरे।
भोमिया जोता रे हलकारे दर्शण देवो,
पधारो मारे आंगाणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी गाया दूवाऊ,
थारे भुरकी।
थारे देवा देवा धूप मे लगावाय,
पधारो मारे आंगणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
थारो जोधाणा में,
बणीयो मोटो देवरो।
कोई धज्जा फरुके असमान,
पधारो मारे आंगाणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी थारा भगता री,
सुणजो वीणती।
भोमिया जी राखो छत्र वाली छाव,
पधारो मारे आंगाणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी रमता पधारो,
मारे आंगणिया।
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।
भोमिया जी रमता पधारो मारे आंगणिया, bhomiya ji ramta padharo bhomiya ji bhajan lyrics in hindi
भोमिया जी भजन लिरिक्स
भजन :- भोमिया जी रमता पधारो
गायक :- महेंद्र सिंह राठौड़