॥ दोहा ॥
माया काया पांवणी , और कन्या घर होय ।
राख्योड़ी रेवे नहीं , ए ऊठ चले पथ खोय ॥
मना थारी उमर जावे रे ,
मना थारी उमर जावे रे ।
आछा दिन थारा बीत गया ,
चोखा दिन थारा बीत गया।
दिन अबका आवे रे ,
मना थारी उमर जावे रे ॥
मात – पिता सुण कामणी ,
माया भरमावे रे ।
करी कमाई थारी खोस लेवेला ,
पीछे पछतावे रे ।।
मना थारी उमर । …..
मोह माया री नींद में ,
काँहि सुखभर सोवे रे ।
रतन पदारथ मानखो ,
विरथा काँहि खोवे रे ॥
मना थारी उमर । …..
माया विष री वेलडी ,
तांता पसरावे रे ।
बाजीगर रा बांदरा ज्यूं ,
नाच नचावे रे ॥
मना थारी उमर । …..
ओ संसार मृगजळ भरियो ,
हाथ नी आवे रे ।
भटकत फिरे उजाड़ में ,
थारो जीव तरसावे रे ॥
मना थारी उमर । …..
सन्त बड़ा परमारथी ,
सुण ज्ञान बतावे रे ।
सीधे रस्ते चालणो ,
सिमरथ समझावे रे ॥
मना थारी उमर । …..
jog bharti bhajan Video
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भजन :- मना थारी उमर जावे रे
गायक :- जोग भारती