।। दोहा ।।
राम नाम रटते रहो ,जब तक गट में प्राण।
कभी तो दीन दयाल के ,मनक पड़े सो काम।।
माला रो मणियो ,
भजन वाली डोरी।
आच्या घरा में पोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो। २।
सत रे संगत में कदी नी आयो ,
हरी भजन में कदी नी आयो।
ऊपर वाड़ी जोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो।
माला रो। ….
अळीये गळीये फिरे भटकतो ,
अळीये गळीये फिरे भटकतो।
मुंडो काच में जोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो।
माला रो। ….
गई रे जवानी आयो बुढ़ापो ,
गई रे जवानी आयो बुढ़ापो।
धोळा देख ने रोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो।
माला रो। ….
कहेत कबीर सुनो भई साधु ,
कहेत कबीर सुनो भई साधु।
कई सांसरिया में मोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो।
माला रो। ….
माला रो मणियो ,
भजन वाली डोरी।
आच्या घरा में पोयो जमारो ,
माया जाल में खोयो। २।
माला रो मणियों भजन वाली डोरी भजन लिरिक्स mala ro maniyo bhajan wali dori prakash mali bhajan