मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा अकेली खड़ी।
अकेली खड़ी वो मीरा ऐकली खड़ी।
मोहन। …….
आप केवो तो सांवरिया में ,मोर मुखट बण जावा जी।
मुखट पेरे सांवरो ,माथा फेर मंडावा जी।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
आप केवो तो सांवरिया में ,बाँसुरिया बण जावा जी।
बंसी बजावे सांवरो ,अरे होठा पेर में ल्यावा।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
आप केवो तो सांवरिया में ,हिवड़े हार बण जावा जी।
हार तोड़े सांवरो ,अरे ह्रदय में रम जावा।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
आप केवो तो सांवरिया में ,पग पायल बण जावा जी।
पायल पेरे सांवरो ,अरे चरणा में रम जावा।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
आप केवो तो सांवरिया में ,जल जमना बण जावा जी।
नावड़ लावे सांवरो ,थारो अंग अंग रम जावा।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
मीरा हर की लाड़ली ,दो वचना री साथी ओ।
सांवरिया के आगे आगे ,बांध घूघरा नाची।
मोहन आवो तो सरी।
मारा रे मंदिर में ,मीरा ऐकली खड़ी।
मारा रे………
gopal das vaishnav ke bhajan
भजन :- मीरा एकली खड़ी
गायक :- गोपाल दास