।। दोहा ।।
सतगुरु आवत देखिया, ज्यारे काँधे टाँग बंदूक।
गोली दागी हरी नाम री , भाग गया यमदूत।
प्राण पड़े म्हारी काया धूजे,
नैणा में नींद नहीं आवे रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
खान पान मने फीका लागे ,
जिवडो म्हारो कुमलावै।
कद सतगुरुजी दरश दिखावे ,
मन री प्यास बुझावे रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
प्राण पड़े ….
तन मन धन करूँ रे निछावर ,
फुलड़ा री सेज बिछाऊं।
भाव प्रीत रा तकिया लगाऊ ,
सतगुरु चवर ढुलाऊ रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
प्राण पड़े ….
सतगुरु आवे ज्यां रा दर्शण पाऊ,
मोतियाँ रा चौक पुराऊ।
ले गंगाजल चरण पखारूँ,
हरख-हरख गुण गाऊँ रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
प्राण पड़े ….
जनम-मरण रा बंधन तोड़े,
सतगुरु आंगण आवे।
दे चिंगारी अमर किया माने ,
नाथ गोरख जस गावे रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
प्राण पड़े म्हारी काया धूजे,
नैणा में नींद नहीं आवे रे।
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे।
प्रकाश माली के भजन | prakash mali ke bhajan video
भजन :- म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे
गायक :- प्रकाश माली
म्हारा मन सतगुरु दरश दिखावे mara man satguru darsh dikhave guru ji ke bhajan lyrics in hindi