।। दोहा ।।
मीरांवन री कोयली , राणो वन रो ढूंठ ।
समझायो समझ्यो नहीं , ले जाती वेकुण्ठ ।
देशड़लो रंग रूड़ो ,
राणा जी थारो देशड़लो रंग रूड़ो।
कोनी पेरूली थारो चूड़ो रे ,
राणा जी थारो , देशड़लो रंग रूड़ो ।
थारे देशां में राणा ,
साधु नहीं थे ।
लोग बसे सब कूड़ो ,
नहीं भावे राणा , देशड़लो रंग रूड़ो ।
काजळ टीकी राणा ,
म्हें सब कुछ छोड्रया ।
छोड्यो माथे वालो जूडो रे ,
राणा नहीं पेरूली थारो चूड़ो ।।
देशड़लो रंग। …..
मेवा मिसरी राणा ,
सब कुछ छोड्या ।
छोड़यो शक्कर ने गुड़ो रे ,
राणा जी थारे देशड़लो रंग रूड़ो ।।
देशड़लो रंग। …..
तन की आस राणा ,
कबहुं न कीनी ।
ज्यूं रण माँहि शूरो रे ,
राणा जी थारो देशड़लो रंगरूड़ो ।
देशड़लो रंग। …..
बाई मीरां केवे प्रभुजी ,
गिरधर नागर ।
वर पायो मैं पूरो ,
पूरो रे राणाजी थारो देशड़लो रंगरूड़ो ॥
देशड़लो रंग। …..
राणा जी थारो देशड़लो रंग रूड़ो rana ji tharo deshdlo rang rudo, meera bai ke bhajan, meera bai bhajan, desi bhajan lyrics.