लहराओ बाबा मोरछड़ी थारी दूर भगाओ आई कैसी महामारी

लहराओ बाबा मोरछड़ी थारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी।।

कोरोना से बाबा,
तंग आ गए हम,
जल्दी से आओ कान्हा,
निकल जाए ना दम,
किरपा कर दो भागे बीमारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी,
लहराओं बाबा मोरछड़ी थारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी।।

मंदिर पे पट भी,
बंद हो गए है,
तेरी याद में बाबा,
हम खो गए है,
बिना दर्श प्यासे प्रेमी मुरारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी,
लहराओं बाबा मोरछड़ी थारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी।।

कैद हो गए हम,
अपने ही घर पे,
आने नहीं पाए ‘डाया’,
तेरे ही दर पे,
बात बता दी दिल खोल सारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी,
लहराओं बाबा मोरछड़ी थारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी।।

लहराओ बाबा मोरछड़ी थारी,
दूर भगाओ आई कैसी महामारी।।

कृष्ण भजन लहराओ बाबा मोरछड़ी थारी दूर भगाओ आई कैसी महामारी
तर्ज – सागर किनारे।

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