संतो गणपत निर्भय रहता भजन लिरिक्स

।। दोहा ।।
शिव शंकर रा लाडला , गणपति गणराज।
विघ्नहरण सुखकरण , सकल सुधारो काज।

गले फूलमाल गवरजा रा प्यारा ,
सामी सुंडाला थाने कहता रे ।
संतो ! गणपत निर्भय रहता।

पेली निवण करू गणपत ने ,
सब कोई हाजिर रहता।
धरियो ध्यान तैतीसो रे आगे ,
सब कोई पूरण देता रे।
संतो ! गणपत निर्भय रहता।

मूल कमल में आप विराजो ,
अखंड उजाला रहता।
भरिया भंडार कमी नहीं आवे ,
तुम हो रिद्धि सिद्धि दाता रे।
संतो ! गणपत निर्भय रहता।

विद्या री देवी सारदा ने सिवरू ,
हरख उमावा रहता।
रिद्धि सिद्धि रानी थारे संग विराजे ,
समर्थ सिंहासन रहता रे।
संतो ! गणपत निर्भय रहता।

आप खोजो हो बुद्धि प्रकाशो ,
समर्थ वेद लिख लेता।
शील संतोष सतगुरुजी री महिमा ,
सुन में तो सुमिरण होता रे।
संतो ! गणपत निर्भय रहता।

mahendra singh devda bhajan Music video Song

संतो गणपत निर्भय रहता भजन, santo ganpat nirbhay rahta ganpati vandana lyrics in hindi
गणेश जी वंदना लिरिक्स
भजन :- गणपत निर्भय रहता
गायक :- महेंद्र सिंह देवड़ा

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