।। दोहा ।।
सतगुरु मेरी आत्मा ,और संतन की देह।
रोम रोम बस गया , ज्यू बादल बिच मेघ।
माने कर मनवार पिलायो जी ,
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
दिनगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो सा।
अरे असंख्य जुगा सु ,
सुतो मारो हंसलो जी।
अरे मारा सतगुरु आय ,
जगायो जी।
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
माने कर मनवार। ……
अरे आवु नहीं जावु नहीं ,
मरू नहीं जन्मु जी।
माने अमरापुर पुर रो ,
मारगियो बतायो जी।
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
माने कर मनवार। ……
अरे कुटुंब कबीलो मारो ,
सब जग झूठो जी।
माने सतगुरु सही ,
समझायो जी।
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
माने कर मनवार। ……
अरे 68 तीर्थ मारा ,
गुरुसा रे चरणों में।
माने गीता वाळो ज्ञान ,
बतलायो जी।
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
माने कर मनवार। ……
अरे देव नाथ गुरु ,
पूरा मिलिया रे।
बीरा राजा रे मान ,
यश गयो जी।
सतगुरु सा माने ,
प्रेम प्यालो पायो जी।
माने कर मनवार। ……
सतगुरु जी माने प्रेम प्यालो पायो सा भजन satguru sa mane prem pyalo payo re bhajan with lyrics
Pingback: Gurudev Bhajan Hindi Lyrics – Bhajan Collections