।।दोहा।।
गुरु देवन के देव हो , आप बड़े जगदीश ।
बेड़ी भवजळ बीच में , गुरु तारो विशवावीश।।
दर्शण देता जाइजो जी ,
सतगुरु मिळता जाइजो जी ।
म्हारे पीवरियारी बातां थोड़ी म्हने ,
केता जाइजो जी ।
सोने जेड़ी पीली पड़ गई ,
दुनियाँ बतावे रोग ।
रोग दोग म्हारे काँई नी लागे ,
गुरु मिलण रो जोग ।
सतगुरु मिळता …….
म्हारे भाभे म्हने बींद बतायो ,
पकड़ बताई बाँह ।
काँई कहो मैं काँई न समझू ,
जीव भजनरे माँय ।
सतगुरु मिळता …….
म्हारे देश रा लोग भला है ,
पेहरे कंठी माला ।
म्हारा लागे वे भाई – भतीजा ,
राणा जी रा साळा ॥
सतगुरु मिळता …….
सासरियो संसार छोड़ियो ,
पीव ही लागे प्यारो ।
बाई रे मीरां ने गिरधर मिलियो ,
चरण कमल लिपटायो ।।
सतगुरु मिळता …….
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