।। दोहा ।।
मन लोभी मन लालची, मन चंचल चित चोर।
मन के मते नही चालिये, पलक पलक मन और।
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
गुरां सा खुदाया कुँवा बावड़ी रे,
ज्यारों नीर गंगा ज़ळ होय।
कई तो नर न्हाय गया रे,
कई नर गया मुख धोय।
समझ मन मांयला रै ,
थारीं मैलोड़ी चादर धोय।
तन की कुंडी बणायले रे ,
ज्यारें मनसा साबण होय।
प्रेम शिला पर देह फटकारों,
दाग रहे ना कोय।
समझ मन मांयला रै ,
थारीं मैलोड़ी चादर धोय।
रोहिड़ो रंग को फ़ूटरों रै ,
ज्यारां फ़ूल अजब रंग होय।
वा फुलां की शोभा न्यारी,
बीणज सके ना कोय।
समझ मन मांयला रै ,
थारीं मैलोड़ी चादर धोय।
लिखमा जी ऊबा बीच भौम में रै,
ज्यारे दाग़ रह्यो ना कोय।
तीजी पेड़ी लाँघ गया रे ,
चौथी में रह्या रै सोय।
समझ मन मांयला रै ,
थारीं मैलोड़ी चादर धोय।
बिन धोया रंग ना चढ़े रै,
तिरणों किण बिध होय।
समझ मन मायला रै,
थारी मैलोड़ी चादर धोय।
बंसीलाल भाट के भजन video
समझ मन मायला रे थारी मेलोडी चादर धोय samaj man mayla re bhajan lyrics rajasthani desi chetawani bhajan
मारवाड़ी चेतावनी भजन लिरिक्स
भजन :- थारी मेलोडी चादर धोय
गायक :- बंसीलाल भाट
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