निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो ,
तेरो मायाजाल कटेलो। २ निंद्रा बेच दू कोई ले तो।
भाव राख सत्संग में बैठो ,जीत में राखो चेतो।
हा हाथ जोड़ चरना में लिपटयो जे कोई संत मिले तो रे ,
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो ,
तेरो मायाजाल कटेलो। २ निंद्रा बेच दू कोई ले तो।
भाई कीमण पाच बेच दु,जे कोई ग्राहक हो तो।
हा पाचा पे संसार छोड़ दू। राम रोकड़ा दे तो रे ,
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो ,
तेरो मायाजाल कटेलो। २ निंद्रा बेच दू कोई ले तो।
में तो जाऊ राज द्वारे ,के रसिया रस भोगी।
हा मारो तो लारो छोड़ बावळी।मे सा रमता जोगी ,
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो ,
तेरो मायाजाल कटेलो। २ निंद्रा बेच दू कोई ले तो।
केवे भरतरी सुन ऐ निंद्रा ,या ना तेरा बासा। २
हा में तो मारा गुरु चरना में। राम मिलन की आसा ,
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो ,
तेरो मायाजाल कटेलो। २ निंद्रा बेच दू कोई ले तो।
निंद्रा बेच दू कोई ले तो | भजन :- निंद्रा बेच दू कोई ले तो | गायक :- सांवरमल सैनी