सुख थोड़ा दुख घणा जगत में भजन लिरिक्स

।। दोहा ।।
बोली ऐसी बोलिये ,मन का आपा खोय।
औरन को शीतल करे ,आप भी शीतल होय।

सुख थोड़ा दुःख घणा रे जगत में ,
होग्या कष्ट सरे राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।

कीड़ी कण बिना हाथी मण बिना
नाग बिल बिना दुःखिया है।
कवि वण बिना सूरा रण बिना ,
भूखा अन्न बिना दुखिया है।
पांच जनम बिन चकरी मिंलन बिन ,
सती रे सजन बिना दुखिया है।
बिजली रे घर बिन मोर है सावन बिन ,
माली रे चमन बिन दुखिया है।
पंछी गगन बिन दुखिया है ,
पंजरे में आय पड़े राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।
सुख थोड़ा। ……

खेत में गाळा रे पो में पाळा ,
उण्डा खाळा रे दुखी करे।
नित में आळा पछित में नाळा ,
घर में साळा दुखी करे।
चौथा रे डाळा आया रे दिवाळा ,
गुरु रा प्यारा दुखी करे।
आँख में जाळा दाल में काळा ,
पाँव में छाला दुखी करे।
अब खर्च उठाना दुखी करे।
तुजे खर्चा दुखी करे राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।
सुख थोड़ा। ……

मात कुलक्षाणि मूरख बेटा ,
कूबड़ नारी रे दुखी करे।
पापक मौसी बुरा रा पडोसी ,
ओछी यारी दुखी करे।
बुरे की संगत जुवा जाम ,
चोरी चारी दुखी करे।
मत बिना खेती फसल पछेती ,
उची क्यारी दुखी करे।
अब सभी बीमारी दुखी करे।
कुछ कर जा दुखी करे राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।
सुख थोड़ा। ……

रेत के टीले झील की बस्ती ,
रस्ते में रोड़ा दुखी करे।
ओलण भेस रे डोलन उटनी ,
बळद में फोड़ा दुखी करे।
खोरी रे जोटा सांड मारना ,
अड़ियल घोडा दुखी करे।
रोजा रे भारी बात दूर की ,
आदर थोड़ा दुखी करे।
अब रग पर फोड़ा दुखी करे।
कदी भरे कदी फूटे राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।
सुख थोड़ा। ……

गरीब सताणा चूल्हे में गमाणा ,
क्रोध उठाणा दुखी करे।
महला बाणा नागर द्वाणा ,
गाव में खाणा दुखी करे।
सहम उलाणा बेर पुराणा ,
जुगली खाणा दुखी करे।
ज्यादा खाणा पैदल जाणा ,
गांव ठिकाणा दुखी करे।
अब सुर बिन गाणा दुखी करे।
मांग राम कहे राणी।
किन किन के दुःख दूर करू ,
या दुनिया दुखी फिरे राणी।
सुख थोड़ा। ……

सुख थोड़ा दुख घणा जगत में दुनिया दुखी फिरे रानी sukh thoda dukh ghana jagat me duniya dukhi phire rani lyrics

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