हंसा सुन्दर काया रो ,मत करजे अभिमान।
आखिर एक दिन जाणो रे ,मालिक रे दरबार। २।
गर्भवास में दुःख पायो ,जद हरी से करी पुकार।
पल भर विशराऊ नहीं ,ऐ कॉल वचन किरदार। २।
हंसा सुन्दर। …..
आकर के संसार में ,कभी ने भजियो राम।
तीर्थ व्रत नहीं कीनो रे ,नहीं कीनो सुखिरत काज।
हंसा सुन्दर। …..
कुटुंब कबीलो देख ने ,गर्व कियो मन माय।
हंस अकेलो जासी रे ,कोई नहीं संग में जाय।
हंसा सुन्दर। …..
राम नाम री बांध गाठड़ी ,कर ले भव से पार।
वेद सुरखिया कहेत है ,आसी थारे काम।
हंसा सुन्दर। …..
हंसा सुन्दर काया रो ,मत करजे अभिमान।
आखिर एक दिन जाणो रे ,मालिक रे दरबार। २।
हंसा सुन्दर काया रो ,मत करजे अभिमान Bhajan Video
भजन :- हंसा सुन्दर काया रो
गायक :- मोइनुद्दीन मनचला