ॐ नमस्कार गुरुसा बारम्बारा खेतेश्वर आरती लिरिक्स

ॐ नमस्कार गुरुसा बारम्बारा खेतेश्वर आरती लिरिक्स, Om Namaskar Gurusa Barambar Sant kheteshwar Ji Ki Aarti Lyrics

संत श्री खेतेश्वर जी की आरती भजन लिरिक्स

ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा ,
ॐ नमस्कार शिव बारम्बारा।
ॐ नमस्कार हर बारम्बारा।

अनन्त कोटि दया के स्वामी ,
जड़ चेतन में वास तुम्हारा।
न तू किसी में न तेरे में ,
ऐसा निर्गुण रूप तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर

आप ही सब में सब तेरे में ,
ऐसा सर्गुण रूप तुम्हारा।
आप ही बाहर आप ही भीतर ,
सब घट में प्रकाश तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

आप ही जल में आप ही थल में ,
जहा देखु तहा वास तुम्हारा।
आप ही कर्ता आप ही भर्ता ,
सब जग में विस्तार तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

आप ही सूरज आप ही चंदा ,
आप ही हो मण्डल के तारा।
आप ही ब्रह्म आप ही विष्णु ,
आप ही हो ईश्वर ओंकारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

सच्चे मन से जो ध्यान लगावे ,
जब हो दर्शन नाथ तुम्हारा।
गुरु परताप भणे ब्रह्चारी जी ,
सच्चिदानंद गुरु रूप तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

Sant kheteshwar Ji Ki Aarti Lyrics

Om Namaskar Gurusa Barambar

Om namskar gurusa barambara,
om namskar shiv barambara.
om namskar har barambara.

anant koti daya ke swami,
jad chetan me vas tumhara.
n tu kisi me n tere me,
aisa nirgun rup tumhara.
Om namskar gurusa barambara,

aap hi sab me sab tere me,
aisa sargun rup tumhara.
aap hi bahar aap hi bhitar,
sab ghat me prakash tumhara.
Om namskar gurusa barambara,

aap hi jal me aap hi than me,
jaha dekhu taha vas tumhara.
aap hi karta aap hi bharta,
sab jag me vistar tumhara.
Om namskar gurusa barambara,

aap hi suraj aap hi chanda,
aap hi ho mandal ke tara.
aap hi braha aap hi vishnu,
aap hi ho ishwar onkara.
Om namskar gurusa barambara,

sachche man se jo dhyan lagave,
jab ho darshan nath tumhara.
guru partap bhane brahchari ji,
sachchidanand guru rup tumhara.
Om namskar gurusa barambara,

संत श्री खेतेश्वर जी की आरती लिरिक्स

ॐ नमस्कार गुरुसा बारम्बारा

ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा ,ॐ नमस्कार शिव बारम्बारा।
ॐ नमस्कार हर बारम्बारा।

अनन्त कोटि दया के स्वामी ,जड़ चेतन में वास तुम्हारा।
न तू किसी में न तेरे में ,ऐसा निर्गुण रूप तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

आप ही सब में सब तेरे में ,ऐसा सर्गुण रूप तुम्हारा।
आप ही बाहर आप ही भीतर ,सब घाट में प्रकाश तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

आप ही जल में आप ही थल में ,जहा देखु तहा वास तुम्हारा।
आप ही कर्ता आप ही भर्ता ,सब जग में विस्तार तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

आप ही सूरज आप ही चंदा ,आप ही हो मण्डल के तारा।
आप ही ब्रह्म आप ही विष्णु ,आप ही हो ईश्वर ओंकारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

सच्चे मन से जो ध्यान लगावे ,जब हो दर्शन नाथ तुम्हारा।
गुरु परताप भणे ब्रह्चारी जी ,सच्चिदानंद गुरु रूप तुम्हारा।
ॐ नमस्कार गुरूसा बारम्बारा। टेर।

rajasthani aarti lyrics in hindi

भजन/Bhajan Title = संत श्री खेतेश्वर जी की आरती
गायक/Singer = = unknown
Bhajan Text- भजन

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