भोर भाई दिन चढ़ गया मेरे बाबा
हो रही जय जयकार मण्डप बिच,
आरती गुरु की —– मेरे सच्चे स्वामी।।-।।
किनके तट पर आश्रम विराजे –.
कौन करे श्रृंगार मंडप बिच ।।आरती।।
ओ गिरनार वाले ,,——//
संगम तट पर आश्रम विराजे ,
विप्र करें सृंगार मण्डप बिच।।आरती।।
ओ बनारस वाले,,——//
कौन जलावे दिवा द्वारे तेरे ,
कौन करे जै जै कार मण्डप बिच।।आरती।।
ओ अरैल वाले,——-//
साधू जलावें दिवा द्वारे तेरे ,
भक्त करें जै जै कार मण्डप बिच।।आरती।।
ओ त्रिवेणी वाले,,——//
कौन लगावें ध्यान समाधी,
कौन करे हो पुकार मण्डप बिच।।आरती।।
ओ प्रयाग वाले,,——//
सन्त लगावें ध्यान समाधी ,
करुणा करे हो पुकार मण्डप बिच।।आरती।।
ओ समाधि वाले,,—–//
कौन भाव से ध्वज फहराए ,ज
कौन करे रखवाली मण्डप बिच।।आरती।।
ओ सच्चे आश्रम वाले,,—–//
सत्य की जय का ध्वज फहराए
रक्षा करें हनुमान मण्डप बिच।।आरती।।
हम सबके रखवाले,,—–//
- करुणानिधि कृपा करके अवतार लीजिये, भक्तों पे अपने इतना सा उपकार कीजिये
- तेरे कई जन्म बन जायें, जो हरि से प्यार हो जाये,
- श्री श्याम से मिलादे मुझको भी प्यारी राधे, मुझे प्रेम तू सीखा दे बरसाने वाली राधे,
- मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ, दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ ।
- आओ दादी भगतों मिलकर साथ चलें , नारायणी चरित महामंगल पाठ करें ।
- मेरा हिन्दुस्तान महान, मेरा भारत देश महान, यहां आते देश विदेशी लोग करते हैं गुणगान,
- जाना है खाटू दरबार, ऐ भक्तों चलो चलें,
- जय माँ रुद्राणी ब्रम्हाणी की !! भक्तों ! राजस्थान की धरती पर एक ऐसा पावन पुण्य स्थान है , जहां माँ शा
bhor bhayi din chad gaya mere baba arati guru ki
bhor bhaai din chadah gaya mere baabaa
ho rahi jay jayakaar mandap bich,
aarati guru ki mere sachche svaamee
kinake tat par aashrm viraaje .
kaun kare shrrangaar mandap bich aaratee
o giranaar vaale ,
sangam tat par aashrm viraaje ,
vipr karen sarangaar mandap bichaaratee
o banaaras vaale,
kaun jalaave diva dvaare tere ,
kaun kare jai jai kaar mandap bichaaratee
o arail vaale,
saadhoo jalaaven diva dvaare tere ,
bhakt karen jai jai kaar mandap bichaaratee
o triveni vaale,
kaun lagaaven dhayaan samaadhi,
kaun kare ho pukaar mandap bichaaratee
o prayaag vaale,
sant lagaaven dhayaan samaadhi ,
karuna kare ho pukaar mandap bichaaratee
o samaadhi vaale,
kaun bhaav se dhavaj phaharaae ,j
kaun kare rkhavaali mandap bichaaratee
o sachche aashrm vaale,
saty ki jay ka dhavaj phaharaae
raksha karen hanuman mandap bichaaratee
ham sabake rkhavaale,
bhor bhaai din chadah gaya mere baabaa
ho rahi jay jayakaar mandap bich,
aarati guru ki mere sachche svaamee