ले हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती।
धर दे चामुंडा राजपूतो में मजबूती। २
मुगलो की फौज, मेवाड़ देश चढ़ आई । २
गढ़ गेर लिया चित्तोड़ घटा सु छाई।
मुगलो की जिसने, दे डाली आहुति। २
धर दे चामुंडा राजपूतो में मजबूती।
हल्दी घाटी में जो , तलवार चलाई। २
गीतामा हो तुम्हारी ,जगदम्बा मन माई।
स्वाहुवा गोर कम ,साणी चड़िबा रोका। २
बिजली ज्यू चमके , तेज खनक बा लागी।
इण मारवाड़ में बलियारी ,
आ धरती सूरा वीरा री।
एक समय में, पृथ्वीराज खांडा खड़काया।
आखियो से अँधा फिर भी बाण चलाया।
अब सुणलो धरकर ध्यान ,सुनाऊ कहानी।
ओ धरती पर किना नाम झांसी की रानी।
अब याद हमें, महाराज की आती है।
आखियो से नदिया नीर धीर बहती है।
सारा पेहली, मात मनाऊ आजा।
सुते सेरो को फिर से आन जगा जा।
भक्ति मंडल ,प्रस्तुति करता तेरी।
तुम सहाय करो जगदम्बा मात माई।
भजन :- ले हाथ ढाल तलवार | गायक :- कालूराम बिखरनिया | kaluram bikharniya ke bhajan