मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े mitha mitha bol tera kya bigde

मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े mitha mitha bol tera kya bigde

मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े
वीर वीर बोल तेरा क्या बिगड़े,
इस संसार में दम नहीं कब निकले जान मालूम नहीं,
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े

सोच समज ले स्वार्थ का संसार,
लाख यत्न कर छूटे न घर बार,
तू जान ले पहचान ले,
संसार किसी का घर नहीं कब निकले दम मालुम नहीं,
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े

प्रभु वर तो कहते है बाराम बार,
तप सयम  ही जीवन का आधार,
तू जान ले पेहचाहन ने संसार किसी का घर नहीं कब निकले जान मालुम नहीं,
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े

जिन वर की महिमा है अप्रम पार,
डूभ ती नैया करदो रे भव पार,
तू जान ले पेहचाहन ने संसार किसी का घर नहीं कब निकले जान मालुम नहीं,
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े

 

 

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