।। मेवाड़ प्यारो लागे ।।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी।
पूर्व दिशा में बूंदी रे कोटा ,अन्न पानी का है नहीं टोटा।
बेगू बिजोलिया मांडलगढ़ कोटा ,ऊपर माल की रे सेल।
अरे डिग्गी पूरी सी श्याम सिंगोली ,जोगणिया री मेर । २
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी। २
दक्षिण दिशा में सेठ सांवरा ,भेरू भदेशर अम्बे आवरा।
शनि जातला मात रावला ,वाको गढ़ चित्तोड़।
अरे गढ़ किला पर बेटी रे कालका,सूरारी सिर मोर। २
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी।
पश्चिम दिशा में बाजे रे चंडी ,कामली घाट घाटा की जंडी।
फतहनगर गंगापुर मंडी ,बीके मोकला रे माल।
अरे फरारा महादेव,रामेश्वर राजसमंद पाल। २
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी।
कांकरोली और नाथद्वारा ,केशरिया केसर का क्यारा।
एकलिंग एकलिंग पहाड़ा में प्यारा ,चारभुजा गढ़बोर।
अरे हल्दी रे घाटी जिणा मंगरा ,मीठा बोले मोर। २
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी।
गांव उदयपुर सेर सैलानी ,गोमती की भोम रेलाणी।
पिछोलिया मोटी मंगरी सोहानी ,बाघा छटा रलयाणी।
अरे चिरवा को घाटों गजब को ,मंगरा री हरयाली। २
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ ,
ओ माने मीरा बाई को देश मेवाड़ प्यारो लागे जी।
mewar ke bhajan
भजन :- मेवाड़ प्यारो लागे जी
गायक :- कुटल खान