ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में। २
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में। ….
मित्र सुदामा मित्र तुम्हारे ,
मांग मांग अन्न खायो, मेरे रामा। …. २
हरिचंद संग बानी राजा ,
वाने तो नीच घर नीर तो भरायो
रामा थारी भक्ति में…
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में। २
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में। ….
संत रूप धर के प्रभु जी,
मोरध्वज द्वारे आया ,मेरे प्रभु जी। २
एक भूखा सिंह के खातिर,
औजी रतन कवर ने राजा ,
रानी से चुरायो रामा थारी भक्ति में..
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में। २
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में। ….
बावन रूप धर के प्रभु जी,
बलि के द्वारे आये। २
तीन पावंडा धरती नापी ,
राजा बलि ने प्रभु जी ,
पाताल पठायो रामा थारी भक्ति में…..
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में। २
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में। ….
तुलसी दास या सार रघुवर की,
हरस हरस गुण गायो मेरे रामा। २
अपने भक्त को दुःख देवे प्रभु जी ,
जैसे सोना ने प्रभु जी सोनिडो तपावे।
रामा थारी भक्ति में। ..
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में। २
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में। ….
gopal das vaishnav ke bhajan !! सांवरिया जी भजन !!
भजन :- कोनी सुख पायो रामा
गायक :- गोपाल दास वैष्णव