श्यामा रोज ना बजाय करो बंसरी
वे घरो साणु मार पैंदी ए, सुन मोहिना
तेरी बांसुरी नू लै जान चोर वे,
के जिवें साडा दिल लुटिया, सुन मोहना ।
श्यामा रोज ना लिखा करो चिठ्ठियां,
के वृन्दावन आन मिलेंगे, वे श्यामा ।
पानी भरण दे बहाने आवां,
तेरा मेरा इक रास्ता, सुन मोहिना ।
श्यामा फागुन महीना आया,
- मेरे सतगुरु ना मुझको भुलाना, सेवक हूँ तेरा, नहीं हूँ बेगाना
- मेरे नैना विच्च सतगुरु आन वसेया, नयन खोला किवें
- कान्हा तेरे दर पे आई कान्हा तेरे दर पे
- मैं बुलाया श्याम जी तुहानु आउना पैना ए,
- सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया…
- चलो चले सब हरिद्वार, हम शिव के द्वारे,
- झूला झूल रहे भगवान नंद जी के अंगना में..
- भोले जी तेरा ना जाने मिलकर बिछड़ना याद आता है…
shyama roj na bajaya karo bansuri gharo sanu maar
shyaama roj na bajaay karo bansaree
ve gharo saanu maar paindi e, sun mohinaa
teri baansuri noo lai jaan chor ve,
ke jiven saada dil lutiya, sun mohanaa
shyaama roj na likha karo chiththiyaan,
ke vrindaavan aan milenge, ve shyaamaa
paani bharan de bahaane aavaan,
tera mera ik raasta, sun mohinaa
shyaama phaagun maheena aaya,
ke aaja donon holi khelie, sun mohinaa
shyaama roj na bajaay karo bansaree
ve gharo saanu maar paindi e, sun mohinaa