~ काला पण गणा रुपाला सा ~
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
पेच्या सोवे केशरिया , सर पतरंगी पाग सा।
ओ दाढ़ी में हीरो चमके सा , चारभुजा रा नाथ सा.२
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
आमे सामे बावड़ी सा , निर्मल जाको नीर सा.
पिनहारिया पाणी भरे ,ओड दकनी चीर सा। २
माने गड़ो उचाता जाज्यो सा। चारभुजा रा नाथ
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
अरे सोहण कटारो सोवणो , सोरतडी तलवार सा।
हाथा में भाला सोवे। सा चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
धोळो घोड़ो हाथलो ,मोतिया जड़िया पलान सा।
गोड़ला ने थोड़ो गुमादियो सा, चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
सांज सवेरे होव आरती , जालर की झंकार सा।
परासर चवरी धुलावे सा चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
चारभुजा की लावणी ,गावे हरिका लाल सा।
संकट में साय कीज्यो सा चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम । २
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
gopal das vaishnav bhajan
भजन :- काला पण गणा रुपाला सा
गायक :- गोपाल दास वैष्णव