भरती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
जनम मरण को देश परायो,
मृत्यु वेला रे,
सुंदर काया कंचन थारी,
छोड़ चलेला रे,
भर्ती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
कर पुरसार्थ ज्ञान गरीबी,
गुरुगम मेला रे,
सत्संग धार हियो मत हारे,
मौज मिलेला रे,
भर्ती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
अमृत सिंधु सुख सागर भरियो,
प्रेम हिलोला रे,
प्रेम की छमकी मारे रे हंसा,
मोती चुगेला रे,
भर्ती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
लखमी राम म्हाने सतगुरु मिलिया,
दीन दयाला रे,
हरि राम हरि भक्ति कर ले,
कारज सरेला रे,
भर्ती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
भरती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।।
राजस्थानी भजन भरती होजा रे सत्संग में थारो भाग खुलेला रे लिरिक्स