माँ के आँचल की छाया तू और कहीं ना पाएगा भजन लिरिक्स

माँ के आँचल की छाया
तू और कहीं ना पाएगा
मईया का दर छोड़ के
दुनिया से कहाँ जाएगा
माँ के नाम को भुलने वाले
हर पल तू पछताएगा।।

फिल्मी तर्ज भजन = चढ़ता सूरज धीरे धीरे।

माँ नाम एक पल भी
मन से जो भुलाएगा
दर दर वो भटकेगा
ठोकरे ही खाएगा
भक्ति के सागर से
एक बून्द भक्ति की
मिल जाए तुझको जो
भव से तर जाएगा
प्यार कही मिलता नहीं
माँ के दर जो मिलता है
फूल उस चमन के जैसा
और कहाँ खिलता है
मईया के बिन
जीवन अपना तू कहाँ बिताएगा
माँ के नाम को भुलने वाले
हर पल तू पछताएगा।।

मईया के दर की ये
दुनिया तो दीवानी है
क्यों माँ की ममता महिमा
तूने ना जानी है
क्यों तेरी आँखों का
आज सूखा पानी है
माँ का प्यार भुला क्यों
करता नादानी है
कष्ट अपने बच्चों का
मईया ही मिटाती है
बेटा जो भूले क्या
माँ पे बीत जाती है
ना कर ऐसा वर्ना
तू भी पूत कपूत कहाएगा
माँ के नाम को भुलाने वाले
हर पल तू पछताएगा।।

माँ के आँचल की छाया
तू और कहीं ना पाएगा
मईया का दर छोड़ के
दुनिया से कहाँ जाएगा
माँ के नाम को भुलने वाले
हर पल तू पछताएगा।।

गायक – रामकुमार लक्खा जी।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version