चलो दर शेरावाली मैया के सवाली बनके भजन लिरिक्स

चलो दर शेरावाली
मैया के सवाली बनके
माँ ने खोले है खजाने
ख़ुशी के धन के
चलो दर शेरावाली
मैया के सवाली बनके।।

ऊँचे पर्वत पर मैया
दरबार सजा कर बैठी है
भक्तो का दुःख हरने का
वो बीड़ा उठा कर बैठी है
दाती माँ तैयार है कबसे
मन वांछित फल देने को
आशा की झोली फैलाकर
आए सवाली लेने को
तुम भी खोलो तो सवाली
कभी द्वार मन के
चलो दर शेरा वाली
मैया के सवाली बनके।।

वो तो आठों हाथों में है
लेकर बैठी मोती रे
अपनी लगन ही कच्ची है
तभी तो किस्मत सोती रे
उसके ध्यान में खोकर हमने
कभी भी सजदा किया नहीं
घर बैठे ही कह देते है
माँ ने कुछ भी दिया नहीं
भाग्य जगदम्बे जगाती
भक्तो जन जन के
चलो दर शेरा वाली
मैया के सवाली बनके।।

उसके दर से हम सब को ही
रोज बुलावे आते है
लेकिन कुछ ही किस्मत वाले
श्री चरणों में जाते है
पर्वत चढ़ना अपनी हिम्मत
को ही गर मंजूर नहीं
इसमें दोष हमारा है रे
माँ का कोई कसूर नहीं
चढ़ते जाओ रे चढ़ाई
सब दीवाने बन के
चलों दर शेरावाली
मैया के सवाली बनके।।

चलो दर शेरा वाली
मैया के सवाली बनके
माँ ने खोले है खजाने
ख़ुशी के धन के
चलो दर शेरावाली
मैया के सवाली बनके।।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

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