जिनका मेरी मैया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया
नदी वो मिली है सागर में जा ज़रूर
जिसका ठीक राह पे बहाव हो गया
जिनका मेरी मईया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया।।
फिल्मी तर्ज भजन = देखा एक ख्वाब तो।
जो भी बैठे है माँ की कश्ती में
लग जाए चार चाँद हस्ती में
जो भी गुण मैया के गाते हैं
उनके चर्चे है गली बस्ती में
ज़िन्दगी में उनके बदलाव हो गया
जिनका मेरी मईया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया।।
जिनको दादीजी का सहारा है
उनका मझधार ही किनारा है
जो भी भक्ति करे है मैया की
कभी हिम्मत नहीं वो हारा है
हर हाल में खुश रहने का स्वभाव हो गया
जिनका मेरी मईया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया।।
वो बड़े खुशनसीब होते हैं
माँ के जो भी करीब होते हैं
जो भी है दूर झुंझुनू वाली से
वो बड़े बदनसीब होते है
भक्तों जिनका मैया से अलगाव हो गया
ज़िन्दगी में उनके तनाव हो गया
जिनका मेरी मईया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया।।
जिनका मेरी मैया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया
नदी वो मिली है सागर में जा ज़रूर
जिसका ठीक राह पे बहाव हो गया
जिनका मेरी मईया से लगाव हो गया
दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया।।
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