तेरे दरबार की महिमा बड़ी निराली है भजन लिरिक्स

तेरे दरबार की महिमा
बड़ी निराली है
तू तो दाती है दयालु है
झंडे वाली है
तेरे दरबार की महिमा
बड़ी निराली है।।

फिल्मी तर्ज भजन = तेरी गलियों का हूँ आशिक़।

तेरे चेहरे से दाती
नूर नूर बरसे है
रहमते तू लुटाती खूब
तेरे दर से है
तेरे होते रहेगी कैसे
झोली खाली है
तू तो दाती है दयालु है
झंडे वाली है
तेरें दरबार की महिमा
बड़ी निराली है।।

तेरे दीदार को कई बार
दिल मचलता है
तेरा ही नाम जुबां से
माँ निकलता है
बैठे चरणों में तेरे आकर
वो भाग्यशाली है
तू तो दाती है दयालु है
झंडे वाली है
तेरें दरबार की महिमा
बड़ी निराली है।।

ये तमन्ना है तुझसे दूर
ना रहूं मैया
तू भी जाने है तुझसे और
कहूँ मैया
‘लहरी’ नैनो में तेरी झांकी
माँ सजा ली है
तू तो दाती है दयालु है
झंडे वाली है
तेरें दरबार की महिमा
बड़ी निराली है।।

तेरे दरबार की महिमा
बड़ी निराली है
तू तो दाती है दयालु है
झंडे वाली है
तेरे दरबार की महिमा
बड़ी निराली है।।

गायक – Uma Lahri

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

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