दादी अर्ज गुजारु
कर लिज्यो मंजूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर
कीज्यो मत दूर दादी
किज्यो मत दूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर।।
थे मायत म्हें टाबर थारा
नित का हुकुम बजावां
थारी किरपा से म्हारी दादी
म्हें परिवार चलावां
म्हारी विनती पे
म्हारी विनती पे
गौर फरमायज्यों जरुर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर।।
जो थे बिसराओ म्हारी मैय्या
और कठे म्हें जावां
थारे बिन मन की बाता म्हें
किनै जाय सुणावां
झूठी दुनिया का
झूठी दुनिया का
रिश्ता का झूठा दस्तूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर।।
टाबर की नादानी दादी
दिल से मती लगा लिज्यो
भुल चूक हो ज्या तो दादी
टाबर समझ भूला दिज्यो
‘गोलु’ मिनख
‘गोलु’ मिनख जहां में
पग पग मजबूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर।।
दादी अर्ज गुजारु
कर लिज्यो मंजूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर
कीज्यो मत दूर दादी
किज्यो मत दूर
थारे चरणा से म्हाने
किज्यो मत दूर।।
भजन गायक – Namrata Karwa
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