बस यही अरदास माँ
हर बार करता हूँ
मेरे घर भी आओ माँ
इँतजार करता हूँ।।
फिल्मी तर्ज भजन = बस यही अपराध में।
कैसे देखूँ तुमको मइया
मै इन आँखो से
जी नही भरता मेरा
दुनिया की बातो से
ध्यान करुँगा मैया मै
इकरार करता हूँ
मेरे घर भी आओ माँ
इँतजार करता हूँ।।
न माँगू मै हीरे मोती
न दौलत और माया
मेरे सिर पर सदा रहे माँ
तेरी दया का साया
अपना सब कुछ तुम पे माँ
बलिहार करता हूँ
मेरे घर भी आओ माँ
इँतजार करता हूँ।।
करना चाहो माँ जो मुझपे
यह दया करदो
भक्ती रूपी दौलत से
झोली मेरी भरदो
हर पल तेरी सेवा करूँ
ये वादा करता हूँ
मेरे घर भी आओ माँ
इँतजार करता हूँ।।
बस यही अरदास माँ
हर बार करता हूँ
मेरे घर भी आओ माँ
इँतजार करता हूँ।।