कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखले दादी झुंझनू धाम में
तू लगा मुझे तेरी सेवा के काम में
झुंझनू धाम में झुंझनू धाम में
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखलें दादी झुंझनू धाम में।।
फिल्मी तर्ज भजन = कब तक चुप बैठे।
जो भी हो मर्जी तेरी दे देना मुझको तनख्वाह
इतनी किरपा तो करना चल जाए घर का खर्चा
मेरा हाथ ना फैले और किसी के सामने
मेरा हाथ ना फैले और किसी के सामने
झुंझनू धाम में झुंझनू धाम में
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखलें दादी झुंझनू धाम में।।
जो सेठ मांगते तुमसे क्यों उनका हुक्म बजाऊं
मैं करूँ चाकरी तेरी और सबको ये बतलाऊं
मुझे काम दिया है दादी ने दरबार में
मुझे काम दिया है दादी ने दरबार में
झुंझनू धाम में झुंझनू धाम में
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखलें दादी झुंझनू धाम में।।
ना शोहरत मांगू तुमसे ना धन दोलत और माया
‘सोनू’ छोटी सी अर्जी ये दिल में लेकर आया
मैं आया अपना सब कुछ तुमपे वारने
मैं आया अपना सब कुछ तुमपे वारने
झुंझनू धाम में झुंझनू धाम में
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखलें दादी झुंझनू धाम में।।
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखले दादी झुंझनू धाम में
तू लगा मुझे तेरी सेवा के काम में
झुंझनू धाम में झुंझनू धाम में
कुछ और नहीं मैं आया तुमसे मांगने
मुझे नौकर रखलें दादी झुंझनू धाम में।।
गायक – Saurabh Madhukar
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