मैया के दर दौड़ आया भजन लिरिक्स

धन माया महल अटारी
सखा बंधु सुत नारी
सब छोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया
सब छोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया।।

फिल्मी तर्ज भजन = मैं निकला गड्डी लेके।

माँ को शेरावाली कहते है
कोई माता काली कहते है
मां के द्वारे ज्योत अखंड जले
सब ज्योतावाली कहते है
मैया तेरा नाम जपना
भक्तों में नाम अपना
मैं जोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया।।

हर घर घर में हर मंदिर में
मेला लगता नव रातों में
मां के नौ दिन मैंने उपवास करे
मैं रोज गया जगरातों में
मैया बैठी ओढ़े चुनरी
मेरी रातें कब गुजरी
कब भोर आया
मैया के दर दौड़ आया।।

सुर नर मुनि मां को ध्याते है
ब्रम्हा विष्णु गुण गाते है
शिव शंकर मां का ध्यान करे
यह वेद ‘पदम’ बतलाते है
माँ की चोखट मेरी मंजिल
लाया था एक नरियल
वहीं फोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया।।

धन माया महल अटारी
सखा बंधु सुत नारी
सब छोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया
सब छोड़ आया
मैया के दर दौड़ आया।।

गायक – डालचंद कुशवाह “पदम”

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

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