लगती है सुहानी माँ तेरी तारा री चुनरी भजन लिरिक्स

लगती है सुहानी माँ तेरी तारा री चुनरी भजन लिरिक्स

चुनरी प्यारी चुनरी
न्यारी चुनरी
वाह री चुनरी
लगती है सुहानी माँ तेरी
तारा री चुनरी।।

सर पे सदा रहती पड़ी
वो शीश पे गंगा जैसे
शिव के चढ़ी
हीरे और मोती और माणिक
रत्नों से जड़ी
लगती है सुहानी मां तेरी
तारा री चुनरी।

कर देता है मन को निहाल
मां तेरी चुनरी का लाल रंग
ये रंग बेमिसाल
शहरों में और गलियों में और गाँवों में
है चर्चा बड़ी
लगती है सुहानी मां तेरी
तारा री चुनरी।

बूटे लगे किनारी सजी
चुनरी में फूलों की मां
फुलवारी सजी
महके रह रह के जिसमे से
खुशबू हर घड़ी
लगती है सुहानी मां तेरी
तारा री चुनरी।

इठला रही बलखा रही
‘लक्खा’ चुनरी मां की
‘बेधड़क’ लहरा रही
सुंदर आहा सुंदर प्यारी सुंदर
देवताओं गढ़ी
लगती है सुहानी मां तेरी
तारा री चुनरी।

चुनरी प्यारी चुनरी
न्यारी चुनरी
वाह री चुनरी
लगती है सुहानी माँ तेरी
तारा री चुनरी।।

गायक – लखबीर सिंह लक्खा जी।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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