शरण में पड़ा हूँ माँ मुझको बचा ले भजन लिरिक्स

शरण में पड़ा हूँ माँ
मुझको बचा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।

फिल्मी तर्ज भजन = तुम्ही मेरे मंदिर।

अकेला हूँ मैया
बड़ा घबराऊं
पराये जगत में माँ
तुझे अपना पाऊं
चरणों में तेरे मैया
मुझको बिठा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।

बेटे का रोना माँ
सहने ना पाती
झट दौड़ आती वो
गले से लगाती
नादान हूँ मैं मुझको
गोदी उठा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।

करुणा की देवी
करुणा दिखा दे
तेरे ‘हर्ष’ के मैया
दुखड़े मिटा दे
पागल समझ के मुझको
माँ तू निभा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।

शरण में पड़ा हूँ माँ
मुझको बचा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।

गायक – सौरभ मधुकर जी।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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